महान साहित्यकार स्वर्गीय राजेंद्र यादव जी के निधन का समाचार कल मैंने रेडियो पर सुना। सुनकर बहुत दुःख हुआ। 1973 में जब मै एक मिल मज़दूर था तब से ही अपनी पुस्तकें प्रकाशित करने के लिए मैं इनके अक्षर प्रकाशन को निरंतर लिखता रहा था। उनसे मेरी पहली मुलाकात दिल्ली में सन 1981 में हुई और उसके पश्चात हम दोनों अनेक बार साहित्यिक संगोष्ठियों में एक साथ उपस्थित रहे। परन्तु अब मेरे गुरु सामान साहित्यकार स्वर्गीय राजेंद्र यादव जी नहीं रहे। उनकी स्मृति में मेरी श्रद्धांजलि।