मनुष्य अपना जीवन किस अवस्था में बिता रहा है यह बहुत महत्वपूर्ण है. जब मन में ख़ुशी या आनंद नहीं है तो यह समझना चाहिए कि हम खुश नहीं हैं, हमारा मन शांत नहीं है. आज आप देखते होंगे कि पास - पड़ोस में या राह चलने वाले लोग खुश नहीं हैं. अधिकांश लोगों के चेहरे चिंताग्रस्त दिखाई देते हैं. इसका कारण क्या है? बस वही व्यक्ति
आनंद से जी रहा है जिसके मन में शान्ति है, चेहरे पर खुशी है व शरीर स्वस्थ है.
हम मन में सोचते हैं कि सामने वाला व्यक्ति
बहुत अच्छा दिख रहा है या दिख रही है. हम अपनी तुलना उनसे करने लग जाते हैं. अभिनेता – अभिनेत्री, साहित्यकार, कवि, राजनेता, सम्पादक, मैनेजिंग डायरेक्टर, सेना के अधिकारी, सरकारी कार्यालयों में वरिष्ठ अधिकारी, ऐसे ऊंचे - ऊंचे विभाग या पदभार संभालने वाले लोगों को देखकर पूरा देश भाग रहा है कि हम भी ऐसे ही बनें और वैसे बनने के सपने देखने लगते हैं.
पर क्या यह संभव है? क्या यह मात्र सपने देखने से या सोचने भर से सम्भव हो सकता है? नहीं, सम्भव नहीं है. राजनेता के बेटे अपने माता - पिता की तरह राजनेता नहीं बन पाए . जद्दोजहद करने लगे.
अभिनेता व अभिनेत्रियों के बेटे - बेटियां कलाकार नहीं बन पाए और रास्ता भटक गए. कारण यह है कि जो भी काम करना है वह दूसरे को देखकर आसान लगता है. परन्तु कितना संघर्ष करना है, संकटों का सामना कैसे करना है, उन्हें यह पता ही नहीं होता है.
जीवन की रूपरेखा
वस्तुतः जीवन की रूपरेखा बालावस्था से ही बनती है और जो कुछ बनना है उसकी जानकारी आरम्भ से लेकर अंत तक होनी चाहिए, नहीं तो व्यक्ति कभी सफल नहीं हो सकता है. जीवन में रूपरेखा बनाना उतना ही आवश्यक है जितना वास्तविकता समझना ज़रूरी है.
हम कभी - कभी किसी व्यक्ति का जीवन चरित्र या उस व्यक्ति की कामयाबी
का इतिहास समाचार पत्रों में पड़ते हैं, टीवी में देखते हैं और उसका अनुकरण करने लगते हैं. परन्तु जो लोग वैसे ही करने लगते हैं और जब सफलता नहीं मिलती तो उन्हें वह सब छोड़ देना पड़ता है.
आज का दिन बीते हुए कल पर निर्भर करता है
सोच बहुत बड़ी होती है. अच्छी सोच लक्ष्य तक पहुंचाती है. आज का दिन अच्छा बीतना चाहिए ये हर कोई सोचता है. यह तब ही सोचा जाएगा जब आपने कल का दिन अच्छे कार्य करके बिताया है. कल कपड़े धो लिए थे इसलिए आज धुले हुए कपड़े पहने हैं. कल कुछ कमाकर लाये थे इसलिए आज अच्छा भोजन कर रहे हैं. कल बहुत अध्ययन किया था इसलिए आज परीक्षा का प्रश्न पत्र ठीक से हल हो जाएगा. आज का दिन बीते हुए कल पर निर्भर करता है. इसलिए आज अच्छे कार्य करें जिससे आपका आने वाला कल सुन्दर हो.
जीवन की प्राथमिकता
आज हर व्यक्ति की चिंता धन कमाने की है. धन कमाना मात्र भोजन और मकान के लिए आवश्यक है. यह जीवन की प्राथमिकता है. भोजन बिना रह नहीं सकते, किसी छत के नीचे रहकर ही अपनी सुरक्षा कर सकते हैं और जिसने भोजन व छत की लड़ाई जीत ली वह संसार में सुखी व्यक्ति है.
आपने देखा होगा कि जब चार - पांच लोग समूह में बैठकर वार्तालाप करते हैं तो उसमें बुराई व आलोचना करने का विषय पहले निकलता है. आलोचना और बुराई भी उस व्यक्ति की होती है जो शिखर पर पहुंचा हुआ होता है. पहले उसकी चर्चा हीरो के रूप में की जाती है, फिर उसकी चर्चा विलन के रूप में की जाती है. जब वह हमारे जीवन से जुड़ा हुआ विषय नहीं है तो उस चर्चा में हम प्रचारक बनकर रह जाते हैं. हमें तो स्वयं को आगे बढ़ते हुए देखना है. दूसरा कितना महान है यह सोचने की आवश्यकता नहीं है.
जो कवि या साहित्यकार यह मान ले कि कालिदास व शेकस्पियर की हम बराबरी नहीं कर सकते तो ऐसा सोचना संकुचित धारणा का प्रतीक है. परन्तु जो लेखक या साहित्यकार कालिदास या शेकस्पियर के आगे निकलने की प्रतिस्पर्धा रखता है वह निश्चित ही अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है, फिर कालिदास या शेकस्पियर को स्पर्धक न मानकर गुरु का दर्जा देना उचित है.
मन की भावना
सबसे पहले अपने मन को साफ़ रखने की आवश्यकता है. दूसरा हमें अच्छा कहे यह सोचकर चलना चाहिए. क्रोध करना, तिरस्कार करना, बुराई करना, धन का प्रलोभन देना, उधारी का व्य वहार करना, यह सब व्यक्ति को पीछे ले जाने के लक्षण हैं. जिस व्यक्ति ने इतना सोच लिया वह कभी पीछे मुड़कर नहीं देखता.
इतनी समझ ही तो वर्षों के अनुभव के बाद आती है. हर व्यक्ति का आधा जीवन आडम्बर व अहंकार में बीतता है. मन से अहंकार आसानी से नहीं निकलता. इसके लिए त्याग की भावना रखना आवश्यक है. इसलिए मन की भावना की तरफ ध्यान देना चाहिए. मन की भावना क्षण भर में ही पतन की ओर ले जाती है और मनुष्य अपना पूरा जीवन बर्बाद कर लेता है.
इसलिए मन को शांत व स्थिर रखना चाहिए. इसके लिए कुछ न कुछ करते रहना चाहिए. समाचार पत्र एवं ज्ञानवर्धक पुस्तकें पढ़ना, व्यायाम करना, यह सब प्रतिदिन होना चाहिए. इससे मन सुदृढ़ होता है. कुछ लोग यह प्रतिदिन करते हैं और नियमित रूप से वर्षों तक करते हैं. अपनी सोच हमेशा सकारात्मक रखते हैं और जीवन में निरंतर आगे बढ़ते रहते हैं.