समाज
में देखा गया
है कि कुछ
परिवार ऐसे भी
हैं जो बेटियां
होने के कारण
दुखी हैं. उनके
घर में लड़का
नहीं है. घर
में बहू नहीं
आएगी जबकि बेटी
बहू बनकर जाएगी.
जिनकी दो - चार
लड़कियां हैं वे
अपने आप को
अभागा समझते हैं
पर लड़कियों के
प्रति ऐसी नकारात्मक
सोच नहीं होनी
चाहिए. इसे ईश्वर
की कृपा समझना
चाहिए.
बहुत
से लोग लड़कियों
को ही पुरस्कार
समझते हैं और
बहुत से लड़के
की अपेक्षा करते
हैं. परन्तु लड़की
होना सौभाग्य की
बात है. जिस
घर में लड़की
जन्म लेती है
वहां परिवार की
जवाबदारी बढ़ जाती
है. घर में
किसी वस्तु की
कमी न रह
जाए यह सोचा
जाता है. लड़की
के संस्कार अच्छे
बने रहें ये
प्रयास किया जाता
है. लड़की के
मन में अच्छी
भावना बनी रहे
ये हर समय
देखा जाता है.
बेटियों के विवाह की चिंता
बहुत
से लोग इसलिए
परेशान हैं कि
उनकी बेटियों का
विवाह नहीं हो
पा रहा है.
कोई रिश्ता नहीं
आ रहा है
और यदि आता
है तो पक्का
नहीं हो पा
रहा है. इसमें
हताश होने की
आवश्यकता नहीं है.
रिश्ते पक्के करने के
लिए घमण्ड और
बड़प्पन दिखाने की आवश्यकता
नहीं है. अपितु
दूसरे को समझने
की आवश्यकता है.
परन्तु लड़की के
विवाह की चिंता
करना स्वाभाविक है.
लड़की का विवाह
अच्छे घर में
हो यह सभी
चाहते हैं.
पहली
बात ये है
कि लड़की का
विवाह करने के
लिए धन की
आवश्यकता पड़ती है.
इसलिए लड़की पैदा
होने पर उसके
अभिभावकों को आरम्भ
से ही उसके
विवाह हेतु धन की
बचत व निवेश
करना चाहिए. जिससे
समय पर धन
की समस्या न
उत्पन्न हो. विवाह
हेतु धन की
व्यवस्था होने पर
आधी समस्या हल
हो जाती है.
दूसरी
समस्या है माता
- पिता व परिवार
के सदस्यों का
आचरण व व्यवहार.
सभ्य व संस्कार
वाले परिवार के
लड़के ढूंढने की
आवश्यकता नहीं होती,
जबकि लड़के वाले
स्वयं लड़की के
लिए रिश्ता लेकर
आते हैं. इसलिए
परिवार के सदस्य
अच्छे स्वभाव के
हों, अपनी कॉलोनी
या मोहल्ले में
उन्हें सम्मान से देखा
जाता हो, ऐसे
परिवार की लड़कियां
समाज वाले ढूंढते
रहते हैं.
तीसरी
बात आती है
लड़की की सुंदरता
व उसका चरित्र.
लड़के वाले यह
अवश्य देखते हैं
कि लड़की का
चरित्र कैसा है.
अपना चरित्र भले
ही चार सौ
बीस का हो
परन्तु लड़की उन्हें
चरित्रवान चाहिए और यह
स्वाभाविक है. विवाह
पक्का होने की
बात लड़की पर
ही निर्भर करती
है.
इसलिए
लड़की में क्या
- क्या गुण होने
चाहिए यह निम्नलिखित
बातों पर निर्भर
है:
गुणवान होना अधिक महत्वपूर्ण
लड़की
सुन्दर हो या
न हो, यह
महत्व का नहीं
है. पर लड़की
को हमेशा साफ़ -
सफाई से रहना
चाहिए. उसके प्रतिदिन
के कपड़े भले
ही कीमती न
हों परन्तु अपने
शरीर को वस्त्रों
से ढंक कर
चले. लड़की की
योग्यता उसके गुणों
से ही देखी
जाती है, उसकी
सुंदरता से नहीं.
सुन्दर होना उसका
सौभाग्य है, परन्तु
उसका गुणवान होना
उसकी सुंदरता से
भी अधिक महत्वपूर्ण
है. नौकरी करने
वाली लड़कियां कुसंगति
से अपना बचाव
करें व किसी
के प्रलोभन में
न आएं.
संतुलित व पर्याप्त मात्रा में भोजन
अधिक
से अधिक लड़कियों
में व्रत रखने
की आदत होती
है और वे
सारा दिन भूखी
रहती हैं. व्रत
सप्ताह भर में
एक दिन ही
अच्छा है. लड़कियों
द्वारा संतुलित व पर्याप्त
मात्रा में भोजन
न करने से
वह कमज़ोर लगने लगतीं हैं. इसके
कारण उनकी सुंदरता
नष्ट होने लगती
है. लड़कियों को
समय पर भर
पेट भोजन करना
चाहिए. भोजन में
आहार अच्छा रखें,
साथ - साथ सलाद
व फल का
भी सेवन करें.
लड़की में अच्छे
संस्कार हों, सभ्यता हो और वह
दूसरों का आदर
- सम्मान करती हों,
यही गुण उसे
कामयाबी की तरफ
बढ़ा सकते हैं.
शारीरिक अक्षमता
जो
शारीरिक रूप से
अक्षम हैं ऐसी
लड़कियां कभी संकोच
न करें. जो
है वह ईश्वर
की देन है.
छिपाने से छिप
नहीं पाएगा. जबकि
लोग सहानुभूति के
साथ स्वीकार करेंगे.
उच्च शिक्षा का महत्व
लड़कियों
को उचित शिक्षा
मिले यह सबसे
महत्वपूर्ण है. लड़कियों
का उच्च शिक्षा
प्राप्त करना आवश्यक
है. इससे लड़की
के माता - पिता
व परिवार की
प्रतिष्ठा बढ़ती है.
लड़कियां प्रतिदिन समाचार पत्र
अवश्य पढ़ें. उसमें देश - विदेश का
ज्ञान होता है.
लड़कियां जितना अच्छा बोलेंगी, जितना ढंग से रहेंगी, समाज में उनका सम्मान होगा और इसका सारा दायित्व माता - पिता पर निर्भर करता है. माता - पिता यह अवश्य ध्यान रखें कि जिनके घर में लड़की पैदा हुई है वे सबसे अधिक भाग्यशाली हैं.