मेरे 'नर्मदा' उपन्यास का दूसरा संस्करण 31 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हो चुका है.
यह उपन्यास मध्य प्रदेश की बैतुल घाटी की एक सुंदर ग्रामीण बालिका के जीवन का मार्मिक चित्रण है. उपन्यास की कहानी नर्मदा की गरीबी से शुरू होकर बहुत ही उथल - पुथल के पश्चात् उसके विवाह पर समाप्त होती है. उपन्यास की भाषा सरल है. कथानक समाज को प्रेरणा व दिशा देने में समर्थ है. नर्मदा उपन्यास महिलाओं के लिए नि:संदेह उच्चकोटि की रचना है.
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