लता मंगेशकर ने एक कार्यक्रम में मंच
पर ये घोषित किया कि "मेरे भाई जैसे श्री नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री
होंगे। मेरा उन्हें पूरा समर्थन है।"
ये बहुत खुशी की बात है कि विश्वप्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर जी
ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री घोषित किए गए व्यक्ति को समर्थन
भी दिया व प्रसन्नता भी व्यक्त की।
वस्तुत: ये देखा जाना व निर्णय लेना बहुत
आवश्यक है कि भाजपा ने प्रधानमंत्री के लिए योग्य व्यक्ति चुना है या
नहीं। लता मंगेशकर जी का स्वर पूरे राष्ट्र की संपत्ति है। परंतु श्री मोदी
ने राष्ट्र के लिए कुछ नहीं किया है। मोदी एक छोटे से राज्य के पिछले 15
वर्षों से मुख्यमंत्री हैं। एक छोटे से राज्य गुजरात का मोदी ने विकास किया
है, ये भाजपा के वरिष्ठ नेताओँ का मानना है। परंतु किसी भी राज्य का विकास
उस राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों व राज्य के नागरिकों की राज्य के प्रति
सद्भावना, इस पर निर्भर करता है। गुजरात राज्य महात्मा गांधी का राज्य है।
गांधी देश के राष्ट्रपिता व महात्मा हैं। इसलिए गुजरात की प्रशासनिक
व्यवस्था पर कभी केंद्र द्वारा दुर्लक्ष नहीं किया जा सकता।
भाजपा में कईं विद्वान्, प्रशासक व राजनैतिज्ञ मोदी से भी उच्च श्रेणी के हैं। परंतु उन सब का कद एक जैसा होने के कारण उन्होंने विवादों को बढ़ावा ना देते हुए भाजपा शासित प्रदेश में सब से अधिक वर्षों के मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाना अच्छा समझा है। मोदी गुजरात राज्य के लिए कुशल प्रशासक हो सकते हैं परंतु केंद्र सरकार के लिए मोदी का प्रशासक बनना संदेहास्पद है।
लोकसभा की 543 सभासद संख्या है। जिसमें
272 का आंकड़ा भाजपा का होना चाहिए। यदि 272 का आंकड़ा भाजपा जीत लेती है
तो भी मोदी को प्रधानमंत्री नहीं बनाया जाएगा क्योंकि श्री मोदी के पिछले
इतिहास पर दागी होने के आरोप लगते रहे है। और दागी इतिहास को भाजपा का
हिंदुत्व स्वीकार नहीं करेगा।
श्री मोदी जिस राज्य के मुख्यमंत्री हैं
उस राज्य की भाषा एक है। परंतु मोदी जिस राष्ट्र के प्रधानमंत्री बनना
चाहते हैं उस राष्ट्र की भाषा अनेक हैं। सभी भाषाओं के राष्ट्र में भले सब
सदियों से एक साथ रह रहे हों परंतु धन, सत्ता व लोभ में भाषा के नाम से
राज्य के टुकड़े भी कर देते हैं।
मोदी के भाषणों में राजनैतिक, सामाजिक व
साहित्यिक भाषा का अभाव है। क्या केवल ललकारना व आलोचना करना नगरसेवक को
अच्छा लगता है? भाजपा नरेंद्र मोदी को अधिक महत्व ना देकर अंदर की लड़ाई
समाप्त कर के अपने अस्तित्व को मजबूत करने का प्रयास करे। अभी भाजपा
कांग्रेस पर जीत पाने की रेखा तक पहुंच चुकी है और यदि भाजपा जीत जाती है
तो ये जीत पार्टी व जनता की जीत होगी। श्री मोदी भारतीय जनता पार्टी के
मात्र कथानक बनकर रह जाएंगे।
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